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वो चली गई
वो चली गई
वो चली गई
वो चली गई
वो चली गई
आंसू सूखे ही नहीं
दुनिया सामने हंसती
अजगर की तरह
मुंह खोले खड़ी होती
कुछ कुछ दानव की तरह
परिपाटी
श्राद्ध
निवाला नहीं तन ढकते नहीं
कहां से करू
श्राद्ध
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