वो -बीते हुए पल
वो -बीते हुए पल


करते हैं विनती तुमसे, हम प्रभु
लौटा दो कुछ पल, हमें
कुछ समय को ही सही
वो बीते हुए पल
गुजारे थे बचपन में
मित्रों के संग, जी लें
कुछ पल फिर से हम
उन बीते बचपन के दिन को
याद आती हैं, वो
गलियाँ और पेड़ आम के
जहाँ खेलते बीतती थी
गर्मी की वो दुपहरी
और मिलती थी माँ की
झिड़की
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फिर आती थी रात सुहानी
गिनते थे तारों को और
देखते चाँद बादलों का मिलन
वहीं, भागते और पकड़ते
उड़ते हुए जुगनुओं को
और डाल बोतल में उसको
देखा करते कौतूहल से कि
कैसे वह करती है उजाला
पंखों को उड़ा उड़ा कर
करते हैं विनती तुमसे, हम प्रभु
लौटा दो कुछ पल हमें
गुजारे थे बचपन में...