वक्त मेहमान हुआ जाता है..!!
वक्त मेहमान हुआ जाता है..!!
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इश़्क हैरान हुआ जाता है..
वक्त मेहमान हुआ जाता है..
ख्वाहिशों से कब राहत अपनी
दिल परेशान हुआ जाता है..
अजनबी यार कहां दिल हारे
रहमतें आन हुआ जाता है...
रात भर बस गिनते तारे हम
इश्क़ जान हुआ जाता है...
फासलों ने मजबूर कराया
ख्वाब अंजान हुआ जाता है..
सिलसिला चाहत का यूं उलझा
दर्द सामान हुआ जाता है...
जिंदगी को समझे जो यारों
नंदिता "कल"शान हुआ जाता है..!!