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Alfiya Agarwala

Others

4.6  

Alfiya Agarwala

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वजूद तेरा मेरे साथ

वजूद तेरा मेरे साथ

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आँचल की तेरी छाँव में रहती थी कितनी पास

अब परछाइयों को तेरी मैं ढूंढती हूँ इधर उधर

जो थी कभी हर पल मेरे साथ।

वो मुस्कान जब खिलती थी

जब होती थी ख़ुशी मुझको

वो आंखें भी भर आती थी

जब होता था दर्द मुझको

मेरी तकलीफो में जिस तरह से

होती थी वो बेचैन,

जैसे कि मेरा नहीं

खो रहा हो उनका चैन

हर वक़्त उठता था जिनका हाथ

दुआ में मेरे लिए कभी

वो कोई और नहीं, माँ ही थी मेरी।

सपने वो देखती थी सपनों के मेरे साथ,

खुशियां वो मनाती थी खुशियों में मेरे साथ

अब तो रह गयी है शिद्दत से उनकी याद

सोचती थी जो कभी वो मेरे लिए

अब पाना है वो मक़ाम

है दुआएं उनकी साया भी है मेरे साथ

ये सब है मेरे साथ तो मिट नहीं सकता कभी

माँ तेरे वजूद का अहसास।


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