विवेकानंद
विवेकानंद
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साहस से था वो भरा, किया विश्व में नाम।
दिया ज्ञान अध्यात्म का, बिना किये आराम।
बिना किये आराम, ज्ञान का दीप जलाया।
अपना अद्भुत तेज, देश को दिया दिखाया।
उसका उज्ज्वल ज्ञान, बंधाता सदा ढाढ़स।
देश और परदेश, फैला उसी का साहस।
