विश्व शांति, एहम मुद्दा।
विश्व शांति, एहम मुद्दा।
आज जैसा माहौल,
विश्व की शांति है डांवांडोल,
ताकतवर कमजोर को डराता
तरह तरह के हथकंडे अपनाता,
कमजोर आतंकी गतिविधियों का सहारा लेता
सभ्य देशों के लिए मुश्किल हो जाता।
इनसे निपटने के लिए,
बनानी होगी व्यवस्था,
जिसमें इंसाफ हो सकता,
संयुक्त राष्ट्र भी बनाया गया,
इसी तर्ज पर,
लेकिन कामयाबी न मिली किसी हद तक ।
व्यवस्था में होना चाहिए बदलाव,
इसको बनाना होगा व्यवहारिक,
जिससे सच्चे की हो सके जीत।
वीटो को करना होगा समाप्त,
कोई भी नहीं रहेगा स्थाई,
हर दो साल में होगा सुरक्षा परिषद चुनाव।
बहुमत से होगा हर फैसला ,
पास करवाना होगा महासभा से,
लागू करवाना होगा,
सुरक्षा परिषद का काम।
हर देश को देना होगा निर्धारित पारितोषिक,
सुरक्षा परिषद को देना होगा अधिक,
कोई न कर सके इससे इंकार,
ऐसा करना होगा प्रावधान।
शायद फिर कुछ बात हो सही,
दुनिया बने कुछ भली।
