विरासत
विरासत
मैं विरासत हूँ
किसी काल के उत्कर्ष की गाथा हूँ
अतीत में हुए युद्धों ने
मेरे मंडप में उत्कीर्ण /प्रस्तर कलाकृतियों को
तोड़ डाला, तलवार से /तूने ओ आततायी !
मुझे इतिहास के पृष्ठ से/विस्थापित करने की कोशिश की
यूँ कहीं /संस्कृतियां समाप्त होती है
ओ! आततायी !/उसकी जड़े /जन-जन के दिल में
पैठीं हैं /बहुत गहरे/उग रही है फुनगियाँ जड़ों से
विकसित होगी ही
थोपना चाहते थे तुम/ अपनी संस्कृति
पर ये क्या हुआ! संस्कृतियाँ
मिल बैठ /आपस में /साझा कर लेती है
अपनी विरासत
और फिर अधिक समृद्ध हो जाती है/ संस्कृतियाँ
जिंदा कौम फिर खड़ी कर लेती है नयी विरासत