वीर तुम बढ़े चलो...
वीर तुम बढ़े चलो...
वीर तुम बढ़े चलो
ठंड में भी डटे रहो
भरकर देश भक्ति का जोश
ऊँची से ऊँची चोटी पर खड़े रहो
भूख प्यास सब छोड़ कर
देश सेवा में लगे रहो
वीर तुम बढ़े चलो
ठंड में भी डटे रहो.....
दुश्मनों के आँख में आँखें डाल
माटी की धूल चटाते रहो
खून की होली खेल कर
देश का नाम बढ़ाते रहो
बाँध कर कफन सर पर
देश की माटी के लिए जान गंवाते रहो
वीर तुम बढ़े चलो
ठंड में भी डटे रहो.....
लेकर तिरंगा हाथों में
देश का परचम फहराते रहो
वीर तुम बढ़े चलो
ठंड में भी डटे रहो......
है गर्व हमें तुम पर
है नाज़ हमें तुम पर
है शान तुमसे ही
है नाम तुमसे ही.....
लुटा कर अपनी जान
कर दिए जो मातृभूमि के नाम
युगों युगों तक रहेगा याद
तुम्हारे ये बलिदान
शत शत नमन ऐ वीरों
धरती के सपूतों
वीर तुम बढ़े चलो
ठंड में भी डटे रहो......