वीर जवान
वीर जवान
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सो गया देखो कैसे बुत में ही आज
कल तक दुनिया जिनके मुट्ठी में थी
मखमली बिस्तर को छोड़कर
देखो कैसे चिरनिद्रा में पड़े है।
हमें इनकी चिन्ता हो न हो
मगर फिक्र हमारी उनको होती है
करते चौकीदारी देश की
चैन से दुनिया सोती है।
देकर प्राणों की आहुति
देखो दिल से निकल गये
कल तक तारे थे जो आँख के
आसमान में देखो सितारे हो गये।
ज़िन्दगी तो हम सबकी है
मगर ऐसी क़िस्मत कहाँ
हम घुट ही रहे जीकर यहाँ
देखो ये देश को प्यारे हो गये।
नमन है तुझको मेरा
ऐ देश के वीर जवान
क्यों जल्दी चले गये
छोड़कर बाकी के हैवान।
