STORYMIRROR

S Ram Verma

Others

3  

S Ram Verma

Others

विद्रोह !

विद्रोह !

1 min
173


विद्रोह कर आँसुओं ने 

नयनों को भिगोने का 

संकल्प लिया !

सिसकियों ने भी फिर  

कंठ को अवरूद्ध करने का 

फैसला किया ! 

स्वरों का मार्गदर्शन भी 

शब्दों ने ना करने का मन 

बना लिया !

भाव भंगिमाओं ने भी 

रूठ कर कहीं लुप्त होने 

का फैसला कर लिया !

अनुभूतियों के स्पंदनों ने 

भी तपस्या में विलीन होने

का निश्चय कर लिया !

विरह में दूरियों का एहसास 

हमारी इन्द्रियों में भी विद्रोह

भर देता है !


Rate this content
Log in