वास्तविकता
वास्तविकता
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यह सब जो आसमां से आए हैं
कुछ नहीं बस वक्त ही के साए हैं
तू क्या होगा मेरा मैं क्या होउंगी तेरी
एक वही है सबका ये रिश्ते जिसने
बनाए हैं
कौन दुख दे सकता है तुझे, मुझे या उसे
किसी और के नहीं ये सब खुद ही के
सताए हैं
पछताना होगा जान लो जो चले गए उन पर
समेट लो वो पल जो बेकार ही में गवांए हैं
जिंदगी नहीं है बस रेत के घरौंदे हैं
कुछ तूने बनाए हैं कुछ मैंने बनाए हैं