STORYMIRROR

Dr.Vineeta Khati

Others

4  

Dr.Vineeta Khati

Others

उत्तराखंड

उत्तराखंड

1 min
285

धन्य है मेरी उत्तराखंड की धरती।

श्रद्धा यहां कण-कण में बसती।।

देशभक्ति यहां जन-जन में रहती।

 प्रेम-भावना दिलों में महकती।।


दिव्य हिमालय को धारण, करता इसका शीश।

चार धाम बिराजे यहां, देते हैं आशीष।।

गंगा, यमुना,सरयू का,बनाके आंचल।

बहता यहां निर्मल, शीतल पावन जल।।


रीति -रिवाजों,परम्पराओं की, यहां खनक है।

कौतिक, मेलों,त्योहारों की, अजब रौनक है।।

सबसे निराली यहां,की है संस्कृति।

नित नए रंगों में ये खिलके निखरती।।


अति प्राचीन पुराणों में है,ये लिखित।

केदारखंड और मानस खंड नाम से यह वर्णित।।

अनेक महापुरुषों की जन्म भूमि।

देवों की स्थली है पावन देव भूमि।।


Rate this content
Log in