उड़ान हौसलों की
उड़ान हौसलों की
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पंख परिवारों की शान रखते हैं,
हौसलों से ऊंची उड़ान रखते हैं।
उड़ान हो ऊंची तो लक्ष्य भी मिलेगा,
बौनी उड़ान से काम ना चलेगा।
बौनी उड़ान न लक्ष्य बेध सकेगी,
रुक जाएगी बीच में दर्द बड़ा देगी।
बौनी उड़ान कब जख्म भरते हैं,
आंख पर वादों की शान रखते हैं।
सोम कठोर हो लक्ष्य अर्जुन सा रखें
ना नजरें हटाए ना पीछे हटें।
उड़ानों की दुनिया बलशाली हो,
मंजिल भी मिले फिर निराली हो।
न बौनी उड़ानों से लक्ष्य संभालते
हैं।
हौसलों से ऊंची उड़ान रखते हैं,
पंख पर वादों की शान रखते हैं।
