तस्वीर और याद
तस्वीर और याद
तस्वीर क्या है तस्वीर एक याद है हर तस्वीर को
कैद कर लेते है हम फ्रेम में ताकि जो लोग छोड़ कर
चले गए हैं उन्हें याद करते रहे हर पल हर क्षण अपनी
जिन्दगी के आईने के फ्रेम में।
बचपन से लेकर जवानी तक तस्वीर हमें याद दिलाती है
कि हम क्या थे अब क्या हो गए, पहले कितने मासूम थे
अब जमाने के साथ चलते चलते मतलबी हो गए।
मन करता है तस्वीर हमें अंदर वापिस ले ले और हम
वापिस चले जायें बचपन के भोले पन के आंगन में
जहाँ माँ की डांट और प्यार भरी बातें थी पापा से जिद
पूरा करवाने की आदतें थी।
लेकिन गया हुआ समय नहीं लौटायेंगे दोस्तों
बचपन चला गया अब नहीं आयेगा वापिस
बस एक तस्वीर में कैद हो गई है सब यादें
तस्वीर ही याद दिलाती रहेगी हमें सारी समय की बातें
