STORYMIRROR

अनूप अंबर

Others

3  

अनूप अंबर

Others

तरु से अपनी सांस चले

तरु से अपनी सांस चले

1 min
136

निज तरु से हम जीवन पाते

तरु से अपनी सांस चले ।

पुष्प बाग में मंद मंद,

खुशबू की मधुर बयार चले ।।


तरु से हमको, फल फूल मिले

पथिक को शीतल छांव मिले ।

पंछी का फिर बने घोंसला

खग के मन में उल्लास जगे ।।


तरु ना रहे जो अगर धरा पर 

जीवन दुर्गम हो जायेगा ।

ये अमूल्य निधि है प्रकृति की

जीवन अब तरु ही बचाएगा ।।



Rate this content
Log in