तरीका इश्क़ का
तरीका इश्क़ का
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इश्क़ में तुम्हारी हर बात लगी ठीक।
आशिकी भी ठीक बेदिली भी ठीक।
हम ही कहते मनाते रहें ठीक नहीं,
अब ख़ुदा चल कर आये तो ठीक।
ये आसार अलग हैं और तेवर भी,
सही लगे तो ठीक, न लगे तो ठीक।
हैरान न हों लफ्जों के तल्खियों पर ,
मर्जी आपकी जो मानिए तो ठीक।
जी हाँ बदला सा है अंदाज-ए-इश्क़
समझो तो ठीक, न समझो तो ठीक।