Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Haripal Singh Rawat (पथिक)

Inspirational

2.5  

Haripal Singh Rawat (पथिक)

Inspirational

तिरंगी कफ़न

तिरंगी कफ़न

1 min
178


मेरे रक्त से लहू लुहान था,

विवश, क्षत-विक्षत तन मेरा।

चक्षु-रौशनी...और विरह का क्षण,

पर प्रफुल्लित सा था ...मन मेरा।

वाम हस्त असतत, कहीं दूर पड़ा था।

जिससे मैं यह सारी जंग लड़ा था।

दायें हाथ में थामे तिरंगा,

दिख रहा था वतन मेरा।


दर्द असहनीय, तृप्त ओष्ठक,

रक्त वारि सा हो.. स्रावित पल पल,

असहनीय, दर्द से भरा हुआ था,

धरा से...आखिरी मिलन मेरा।

मेरे रक्त से...


भाल तिलमिला रहा था दर्द,

मिल रहा था वजूद, मेरे वजूद से,

करोड़ों मुस्कानों का कारण था,

तिरंगी.... वह गर्वित कफ़न मेरा।

मेरे रक्त से लहू लुहान था,

विवश, क्षत-विक्षत तन मेरा।



Rate this content
Log in