तिरंगे का रंग
तिरंगे का रंग
हम तेरे बच्चे हैं,
दिल के मां सच्चे हैं,
दुश्मन को कोतूहल,
अपनों को अच्छे हैं,
तू हमें भारती मां,
निज जान से प्यारी है,
'राज' तेरे रक्षक हैं हम,
तू शान हमारी है,
जो आंख उठे तुझ पर,
बदलें वो नक्शे हैं,
दुश्मन को कोतूहल,
अपनों को अच्छे हैं,
गिरिराज भाल तेरा,
अर्णव है चरण चाकर,
अनिवर्चनीय वैभव,
कह नहीं सकते गाकर,
समृद्धि हर कण में,
दिखते उत्कर्ष के लच्छे हैं
दुश्मन को कोतूहल,
अपनों को अच्छे हैं,
कनक थार चूनर तेरी,
धानी परिधान प्रधान लखे,
धारे प्रमोद कुहुकिनी अतीव,
जब आम्र मंजरी वन महके,
कण कण में धान प्रचुरता से,
रिपु हक्के बक्के हैं,
दुश्मन को कोतूहल,
अपनों को अच्छे हैं,
पग पग पर भेष बदलें,
बदलें बोली के रंग,
यहां रीति रिवाजों संग,
बदलें जीने के ढंग,
लाखों परंपरा हैं,
दिल में तुझे रक्खे हैं,
दुश्मन को कोतूहल,
अपनों को अच्छे हैं,
तेरा रंग तिरंगे का,
मंजुल है मनोहर है,
ये धरा देवभूमि,
अनमोल धरोहर है,
तू मातृभूमि अपनी,
हम तेरे बच्चे हैं,
दुश्मन को कोतूहल,
अपनों को अच्छे हैं...
