तेरे लिए हमनवा मेरे दुनिया अपनी और मैं ही बेगानी हो गई l तेरे लिए हमनवा मेरे दुनिया अपनी और मैं ही बेगानी हो गई l
आसान है भीड़ का हिस्सा बन जाना मुश्किल है भीड़ से हटकर अपनी पहचान बनाना। आसान है भीड़ का हिस्सा बन जाना मुश्किल है भीड़ से हटकर अपनी पहचान बनाना।
रेल की पथरीली पटरियों मे भागता हुआ एक बचपन जीवन है कठोर समझ रहा है वो बचपन! रेल की पथरीली पटरियों मे भागता हुआ एक बचपन जीवन है कठोर समझ रहा है वो बचपन!
तेरी यादों ने फिर से बेवजह दखल दे दिया, तेरी यादों ने फिर से बेवजह दखल दे दिया, तेरी यादों ने फिर से बेवजह दखल दे दिया, तेरी यादों ने फिर से बेवजह दखल दे दिय...