सुपरमैन
सुपरमैन
सुमित मेरे ही क्लास का था जो बैक बेंचर
हमेशा खामोश शर्मिला था जिसका नेचर
फुटबाल और क्रिकेट उसे ना भाता
मोबाइल गेम खेलना बन गया था फीचर
टीचर कभी उसे डांट लगाती
कभी उसे प्यार से समझाती
मोबाइल पर भी कर दिया बैन सा
साथ खेलने की आदत नहीं आती
क्लास में भी वह रहता था पीछे
रिजल्ट में नंबर मिलते सबसे नीचे
पेरेंट्स भी सदा बुलाए जाते
कहीं छिप जाता सुमित स्कूल बगीचे
उसका मोबाइल उससे लिया गया छीन
सुमित रोया बहुत जैसे कोई ले गया उसका जीन
गेम, चेट, मूवी, पोर्न का मोबाइल था भंडार
इसीलिए सुमित नहीं रहता था उसके बिन
अचानक एक बुरी न्यूज थी आयी
सुमित की लाश नहर के पास थी पायी
पहने थे उसने अजीब सी ड्रेस
जैसे सुपर मैन से हो पायी
मन में कुंठा और घर की डांट उसने था पाया
पुराने अलमारी से अपनी फेंसी ड्रेस चुराया
मोबाइल को भी चुपके से था उठाया
पास नहर के उसने पहन ली थी ड्रेस
चढ़ नहर की रेलिंग पर जोर से चिल्लाया
आई एम द बेस्ट जो था वीडियो सेल्फी बनाया
नहीं कर पाया वह किसी को सेंड
फिसला पैर गिर गया वह नीचे
नहर के तेज धार से वह बच ना पाया
दूसरे दिन अख़बार में
उसकी वीडियो वाली फोटो ही थी आयी
सच मुच वह था सुपरमैन
पर मोबाइल के चक्कर ने उसे था मारा।
