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सोचा था
सोचा था
सोचा था
सोचा था
सोचा था टूटेंगी
हाथ की हथकड़ियाँ
और लगा रहा
सोचता कोई तरीका
आखिर तरकीब मिली
और टूट ही गईं
हाथ की हथकड़ियाँ
और मैं उड़ता रहा आकाश में
बादलों की तरह
और बरसना वही हैं
जहां मेरी जरूरत हो।
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