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संस्कार

संस्कार

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भद्रता ,शालीनता ,

संस्कार,

और अच्छी सोच की ,

तालीम,

हमें अपने पूर्वजों ,

और परिवारों से मिलती है !

किताबों को लाख ,

पीस कर गले के नीचे ,

उतार लेने से,

हमें दिव्य ज्ञान की कुंजी ,

कथमपि नहीं मिलती है !

गलत लिखना ,

मर्यादा को लांघना ,

हमें शोभा नहीं देता !

कहाँ कैसे लिखा जायें ,

उसे हम सोच लें पहले ,

छुटा वाण फिर वापस नहीं आता !!

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