सिर्फ तुम
सिर्फ तुम
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भिड़ जाऊंगा इस बेदर्द ज़माने से मैं,
पहाड़ों को भी तोड़ने की ,
रखता हूं हिम्मत मैं ,
गर तुम साथ दो मेरा,।
चाहे हजारों बने दुश्मन मेरा ,
राहों में जितने भी कांटे भरे हो,
उसकी कोई परवाह नहीं है,
गर तुम साथ दो मेरा,।
सभी साथ होंगे मेरे अपने पराए,
कोई न मुझसे दूर जा पायेगा,
हर कोई प्यार जताएगा,
ऐ मेरी रूठी किस्मत सिर्फ,
तुम साथ दो मेरा,।