Shailaja Pathak
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काजल भरी ये अमावसी आँखें,
श्रावन की फुहार सी बरसती हैं,
और घनघोर अंधेरा छा जाता है,
इस बरसात में ।
रामायण में मह...
मै नदी हूं
बोलो ना
अंगूठी
मेरा चांद
रेल की पटरी
कृति
मैं और तुम
अंगारे
यादें