श्राद्ध।
श्राद्ध।
जब कोई स्वर्ग सिधार जाता,
उसके चार साल बाद उसका श्राद्ध आता,
श्राद्ध की उत्पत्ति,श्रद्धा से हुई,
मतलब ,जो आप श्रृद्धा पूर्वक,
पूर्वजों को ब्राम्हणों द्वारा दिलाते,
जिस दिन दिलाते,वो श्राद्ध कहलाता।
पूर्वज हमारे लिए कई कूछ कर जाते,
श्राद्ध उनके लिए इसी आदर भाव को दर्शाते।
परंतु अगर देखें विज्ञानिक आधार,
तो ये सब बेफिजूल की बात,
जो एकबार जो दुनिया छोड़ के गया,
किसको मालूम वो कहां पर,
क्या ब्राह्मणों को देने से उसको मिल गया?
मुझे लगता,
हिदूं धर्म को भी वक्त के अनुसार,
आजकल का रखना चाहिए विचार,
और करना चाहिए धर्म का इन कुरितियों से उद्धार।