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JAYANTA TOPADAR

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शिव-महिमा

शिव-महिमा

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हे पंचानन ! हे गिरिजामनरमणा !

हे गंगाधर ! आपकी माया अपरंपार !

आप से ही सृष्टि-विनाश, आप से ही स्थिति ;

आप में ही समा जाए सारी धरती, सारा आकाश ... 


हे रुद्र ! हे गंगाजटाधर !

हे रजनीशकलाधराय ! इस जग से

दूर करें दारिद्र्य-दुःख-क्लेश-विषाद ...


हे पन्नगभूषण ! हे शूलधर !

हे चन्द्रकलाधर ! आपकी भक्ति में

लीन हर कोई...

इस जग का आप ही सृष्टिकर्ता, आप ही विघ्नविनाशक ...

आप से ही बना इस जग की संरचना ।


हे नीलकंठ ! हे शूलधारी ! हे चन्द्रशेखर !

आप ने तो विष पीकर

रक्षा की इस जग की मानव जीवन की...


हे शिवराज ! हे नटराज ! हे शंभूनाथ !

आपकी कृपा अगर बनी रहे

हम सब प्राणियों पर,

कोई भी हानि हो न पाए

इस जग में किसी की ।


चलो, हम करें आरती प्रभु भोलेश्वर की...

बन जाए हर बिगड़ा काम 

इस घर-संसार की ...!

सब मिलकर बोलो : "नमः शिवाय ! हर ओम् नम: शिवाय!"


  


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