"शिक्षकों को नमन"
"शिक्षकों को नमन"
खामोशी कि राहों में,
उन्होंने अपने कदम बढ़ाए हैं ..!
अंधेरों सी दुनिया में,
उन्होंने आशाओं के दीपक जलाएँ है..!!
रह जाएं ना हिन्दुस्तान पीछे
खुद से वादा किया, वो निभाएं है...!
टूटते सपनों को नयी
उम्मीदें फिर से वो जगाएँ है...!
जहर का कहर है हर तरफ
फिर भी घर -घर जाकर वो पढ़ाये है...!
कर्तव्य कर रहे है पूरा वो अपना,
सारे संसार में उदासी के बादल छाएं है..!!
शिक्षा है जीवन का आधार,
शिक्षक ही है शिक्षा का सार...!
कोई ना रहे अशिक्षित भारत में,
है मिला हमें संविधान से ये अधिकार..!!
जगत कहे जिन्हें शिक्षक
हम माने उन्हें भगवान...!
हाथों में कलम थमाकर जिन्होंने
दी हमें हमारी पहचान..!!
हमें ऊँचाई पर पहुँचाकर
खुद वहीं खड़े है...!
देखो एक शिक्षक के सपने
हमारी ऊँचाई से कितने बड़े है..!!