शिक्षा अनेमोल।
शिक्षा अनेमोल।
आधुनिक मानव का शिक्षा,
अहम हिस्सा,
ये इसका बनाती चरित्र।
अगर हो शिक्षित सही,
तो फिर सफल जिंदगी।
और गाड़ेगा तरक्की के झण्डे,
कभी नहीं लगेगा किसी के नीचे,
डटा रहेगा,अपने मुल्यों पे,
समाज के सामने बनेगा उदाहरण।
जो कोई भी उसके स्पर्श में आएगा,
बो पारस की तरह,
उसको भी सोना बनाएगा,
और ऐसी रखेगा बुनियाद,
हर कोई फायदा उठाएगा दिन-रात।
लेकिन उठता सवाल,
कहां से लाओगे?
ऐसा महामानव,
चारों तरफ है सबकुछ भ्रष्ट,
जो कोई भी व्यवस्था में आता,
बस इसके जैसा हो जाता।
सर्बप्रथम व्यवस्था में लानी होगी तब्दीली,
तभी कोई बात बनके निकलेगी,
तो फिर शिक्षा प्रणाली से किया जाए शुरू,
जो भी इससे गुजरे,
वो महामानव की तर्ज पर निखरे।
पहले टीचरों को करना होगा तैयार,
बढ़ाना होगा उनका मान-सम्मान,
सबसे अधिक देना होगा वेतन,
जिससे सबसे सक्षम इंसान आए इसमें,
उसको न चिंता हो कोई,
बस छात्र और छात्राओं का भविष्य हो दिमाग में,
परंतु क्या ऐसा हम कर पाएंगे,
मुश्किल जान पाएंगे,
क्योंकि हमारे राजनितीज्ञ नहीं रखते इतना माद्दा,
उनका तो है वोट लेना इरादा।