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Prafulla Kumar Tripathi

Children Stories

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Prafulla Kumar Tripathi

Children Stories

शौक कविता का

शौक कविता का

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मैं ,

कविता लिखने चला

लेखनी ने अपना ,

कमाल दिखाया

मस्तिष्क में कुछ नवीन ,

विचार भी आया।

मैं , 

लगा नोट करने ,

यों पूर्ण हुई रचना

पर,सम्पादक के पास जाते ही ,

चूर हुआ सपना।

मैंने , 

तबसे ही कविता ,

छोड़ दिया लिखना

इस तरह से दिल में ,

धरा रह गया सपना।



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