सदा के लिए
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तुम से मिलते ही
चांद की तरह मैं
शीतल हो गयी
तारों की तरह भीड़ में
टिमटिमाते तुम
अंधेरे में सूरज बन
मेरी ज़िंदगी में उजाला ले आये
अब उदास रात
मेरे नज़दीक आने से डरती है
तन्हाई आंखें चुराने लगी है
तुम्हारा साथ ठंडी
रेत की तरह मुझे
शीतल कर जाता है
मैंने तुम्हें अपनी
आँखों में समा लिया है
अब तुम मेरे वजूद में
समा गए हो
सदा-सदा के लिये
सदा-सदा के लिये