सब कुछ भूलग्या
सब कुछ भूलग्या
यो कसो जमाणो आयो, सब कुछ भूलग्या,
आपण ने काई तरिका सू रेणो है यो भूलग्या।
लुगाया ने देखो कसा कसा नाना गाबा पैरण लागी,
साड़ी, ओढनी, पोशाका पैरणो सब भूलग्या।
घर री बणी साग भाजी आजकल का टाबरा ने चोखी नी लागे,
पिज्जा, बर्गर, मंचूरियन, पास्ता रे आगे देशी स्वाद ही भूलग्या।
बोली काली री आपणी मायड़भाषा ने भूल,
हाय, हैलो, गुडमार्निग बोल आपणी संस्कृति ने भूलग्या।
माँ-बाप रो आदर करणो नेम ही भूल काण कायदो छोड़,
भगवान होवे माँ-बाप पर नवा नवा शौक पाला बणाने भूलग्या।
किटी पार्टी कर लुगाया आको ही दिन घर सू बाहर रेवण लागी,
छोरा-छोरी ने नौकरा सागे छोड़ आपणी जिम्मेदारी भूलग्या ।।
