सैय्याद
सैय्याद
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भरी आँखें हैं
होंठों पर,
लिए फ़रियाद
बैठे हैं।
निगेहबानी
करो बुलबुल की,
बहुत
सैय्याद बैठे हैं।।
भरी आँखें हैं
होंठों पर,
लिए फ़रियाद
बैठे हैं।
निगेहबानी
करो बुलबुल की,
बहुत
सैय्याद बैठे हैं।।