सास नही मां है वो मेरी
सास नही मां है वो मेरी
सास होने का रौब भी दिखाएगी,
जी भरकर प्यार भी बरसाएगी ।
मेरी सास अपनी झल्ली बहु पर,
मां बनकर अपनी ममता लुटाएगी ।।
गलती होने पर डांट भी लगाएगी,
अच्छा करने पर शाबाशी भी दिलाएगी ।
बड़ी बनकर घर की रीत सिखाएगी,
फुर्सत में सहेली बन गप्पे भी लडाएगी ।।
गृह लक्ष्मी बना सम्मान भी दिलाएगी,
बेटी बनाकर पलकों पर बिठाएगी ।
मेरी सास अपनी झल्ली बहु पर,
मां बनकर अपनी ममता लुटाएगी ।।
छोटी छोटी बातों को न दिल से लगाएगी,
मेरी नादानी पर मुझे प्यार से समझाएगी ।
रसोई फैलाने पर कभी वो झुंझलाएगी,
तो कभी घर को सजाने के तरीके बताएगी ।।
बहु को अपनी बेटी बनाकर घर लाएगी,
अपना हर सुख दु:ख मुझसे बतलाएगी ।
मेरी सास अपनी झल्ली बहु पर,
मां बनकर अपनी ममता लुटाएगी ।।
गुस्सा होने पर मुझसे रूठ भी जाएगी,
प्यार से मनाने पर सीने से भी लगाएगी ।
परिवार में मिलकर रहना भी सिखाएगी,
सभी की पसंद से वाकिफ भी कराएगी ।।
अपने लाडले के हर राज मुझे बताएगी,
अच्छी पत्नी होने के गुण सिखलाएगी ।
मेरी सास अपनी झल्ली बहु पर,
मां बनकर अपनी ममता लुटाएगी ।।