रूबरू
रूबरू
कुछ रिश्ते ज़िन्दगी में इत्तेफाक से बनते हैं ,
कुछ रिश्ते बे पाक बे हद हसीन होते हैं ।।
तेरे साथ मीलों का सफ़र तय करना है,
दुख सुख हर जज़्बात को तुझसे बाटना है,
तू साथ है तो कोई गम नहीं,
फक्र है तुझ पर की तेरे दिल में कोई मैल नहीं।।
कुछ रिश्ते ज़िन्दगी में इत्तेफाक से बनते हैं ,
कुछ रिश्ते बे पाक बे हद हसीन होते हैं।।
तूझसे रूबरू हुए एक अरसा हो गया,
दूरी में ये रिश्ता और गहरा हो गया,
रूठना मनाना इसी से रिश्ते खूबसूरत है,
जो बिखरे कोई एक तो दूसरा उसकी हिम्मत है।।
कुछ रिश्ते ज़िन्दगी में इत्तेफाक से बनते हैं ,
कुछ रिश्ते बे पाक बे हद हसीन होते हैं ।।
अनजानी इन राहों में तेरा साथ हमे मिला,
हज़ारों ख्वाबों को हम दोनों ने खुली आंखों से बुना,
परिस्थितियां जो भी हो मेरे लिए एक तेरा साथ काफी है,
तू साथ हो और ढलती शाम हो बस इतना काफी है।।
