रुपया पैसा धन दौलत बैभव
रुपया पैसा धन दौलत बैभव
धन दौलत शोहरत इज़्ज़त इश्क हुस्न प्यार मोहब्बत
धन धान्य सब मिलता मिल जाता जब रुपया पैसा।।
लाख ज्ञान हो कोई नहीं पूछता महापंडित ज्ञानी को
मूर्ख अज्ञानी का दरबारी सेवक मूल ही धन दौलत रुपया पैसा।।
सरस्वती और लक्ष्मी साथ साथ नहीं रहती सरस्वती तो
लक्ष्मी नहीं लक्ष्मी है तो सरस्वती नहीं दोनों में छत्तीस का आंकड़ा।।
पैसा है ईमान पैसा धन दौलत वैभव पैसा ही बोलता
ताकत सम्बल दरबार दहाड़।।
भौतिकता की चकाचौंध दुनिया भाग रही है
इंसान रातों रात बने करोड़पति अरब पति जतन सारे करता इंसान।।
चाहे राह हो मुश्किल या आसान दौलत की हसरत में
भाग रहा है इंसान।।
दौलत से रिश्ता दौलत से वास्तविक वास्ता दौलत की
खातिर मरता मारता है इंसान।।
धन दौलत रुपया पैसा वैभव सकल जहां चाहे लाशों की सीढ़ी हो
बड़वानल हो आग हर जोखिम खतरे से लड़ जाता इंसान।।।
रुपया पैसा धन दौलत वैभव की खातिर क्या क्या कर जाता इंसान।।
द्रुत खेलता लूट खसोट बेईमानी जमाखोरी रिश्वत
रुपया पैसा धन दौलत के आसान मार्ग।।।
मेहनत से भी मिलती दौलत वैभव की सौगात धैर्य धीर गंभीर का
उद्योग शिक्षा दीक्षा ईमानदार मार्ग।।।
लक्ष्मी का वाहन उल्लू फिर हंस कर्म धर्म संग स्थाई निवास कुसंग
अनैतिक मार्ग के धन दौलत के केवल दिन चार।।
रुपया पैसा धन दौलत भूख पेट नहीं भरता दौलत रुपये से कभी
किसी का रुपये पैसे धन दौलत वैभव की चाहत अंधा कूप जैसा।।।
रुपये पैसे धन दौलत की चाहत एक नशा भी डूबता जाता इंसान
गागर के सागर में किट पतंगों जैसा।।
कुछ भी साथ नहीं लेकर आता कोई कुछ भी साथ लेकर नहीं जाता
सभी जानते फिर जीवन में सब कुछ रुपया पैसा।।
