ऋतुराज तुम आ गए
ऋतुराज तुम आ गए
फूलों, भंवरों, तितलियों संग ले ऋतुराज तुम आ गए
मस्ती, महक, चहक, खुशबू, पराग ले बसंत राज तुम आ गए
मीठी गाती बैठी कोयल मतवाली मंजर आम की डाली
बहे पवन पुरवाई ले संग केसर गंध झूमे गेंहू की बाली
नव किसलय पल्लव हरियाली बारात ऋतुराज तुम आ गये
बागों मे आई बहार बहे नदिया मार हिलोरे बलखा के
ऊंचे पहाड़ों से गिरते झरने चले लहराकर गुनगुनाके
फूलाये सरसों पीली बजाए पवन साज ऋतुराज तुम आ गए
कर श्रृंगार चली सजनी करने साजन को मनुहार
रिझाये मुसकाए नैनन छाया मदन बसंत बहार
तेरी अदाओ से बसंत है, प्रकृति को नाज़ ऋतुराज तुम आ गए
खिलने लगी कलियाँ बागों मे चढ़ा यौवन बांहों मे
बहने लगी मदमस्त हवाएँ पाँव बिछे फूल राहों मे
कहने दिल की बात प्रीयतम आए लाज ऋतुराज तुम आ गए
