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Shyam Kunvar Bharti

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Shyam Kunvar Bharti

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ऋतुराज तुम आ गए

ऋतुराज तुम आ गए

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फूलों, भंवरों, तितलियों संग ले ऋतुराज तुम आ गए

मस्ती, महक, चहक, खुशबू, पराग ले बसंत राज तुम आ गए

मीठी गाती बैठी कोयल मतवाली मंजर आम की डाली

बहे पवन पुरवाई ले संग केसर गंध झूमे गेंहू की बाली

नव किसलय पल्लव हरियाली बारात ऋतुराज तुम आ गये

बागों मे आई बहार बहे नदिया मार हिलोरे बलखा के

ऊंचे पहाड़ों से गिरते झरने चले लहराकर गुनगुनाके

फूलाये सरसों पीली बजाए पवन साज ऋतुराज तुम आ गए

कर श्रृंगार चली सजनी करने साजन को मनुहार

रिझाये मुसकाए नैनन छाया मदन बसंत बहार

तेरी अदाओ से बसंत है, प्रकृति को नाज़ ऋतुराज तुम आ गए

खिलने लगी कलियाँ बागों मे चढ़ा यौवन बांहों मे

बहने लगी मदमस्त हवाएँ पाँव बिछे फूल राहों मे

कहने दिल की बात प्रीयतम आए लाज ऋतुराज तुम आ गए



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