रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
भैया मेरे इस राखी को तुम
धागा मत समझना,
राखी के पावन धागे में
मैंने अपना प्यार भेजा है।
ये राखी तेरी कलाई में
हीरे सी चमकेगी।
तेरे चेहरे पर मनमोहक
मुस्कान निखरेगी।
राखी के पावन धागे में
मैंने अपना प्यार भेजा है।
बाबुल के अँगना को
मैं कभी ना भूलुंगी।
तेरी नटखट शरारतों को
कभी ना बिसराऊंगी।
राखी के पावन धागे में
मैंने अपना प्यार भेजा है।
दुख की बदली तेरे जीवन में
कभी ना आये।
तेरा यश गान दिन दूना
रात चौगुना बढ़ता जाये।
तेरे उत्कर्ष से मैं
फूली ना समाऊंगी।
तेरी मंगल कामना
भगवान से मनाऊंगी।
राखी के इस तार में
मैंने अपना प्यार भेजा है।