I'm Sangeeta and I love to read StoryMirror contents.
राखी के पावन धागे में मैंने अपना प्यार भेजा है। राखी के पावन धागे में मैंने अपना प्यार भेजा है।
बड़ी तन्मयता से वह पुजारी सांध्य बेला में आता है बड़ी तन्मयता से वह पुजारी सांध्य बेला में आता है
तुम्हारे बच्चे पेड़ की छाया तले विश्राम करेंगे। तुम्हारे बच्चे पेड़ की छाया तले विश्राम करेंगे।
माँ की बीमारी और पिता के व्यसन ने डाल दी है उसके पैरों में मजबूरी की बेड़ियाँ। माँ की बीमारी और पिता के व्यसन ने डाल दी है उसके पैरों में मजबूरी की बेड़ि...
कहीं नहीं था पानी का नामोनिशान। कहीं नहीं था पानी का नामोनिशान।
शहर से गाँव तक उग आया है कांक्रीटों का घना जंगल। शहर से गाँव तक उग आया है कांक्रीटों का घना जंगल।
नये क्षितिज, नये उपमान नये प्रतीक ढूँढ़ता रहा। नये क्षितिज, नये उपमान नये प्रतीक ढूँढ़ता रहा।
मतंग मुनि की वाणी पर था शबरी को विश्वास। मतंग मुनि की वाणी पर था शबरी को विश्वास।