STORYMIRROR

Mukesh Bissa

Others

3  

Mukesh Bissa

Others

रिश्ते

रिश्ते

1 min
259

कैसे है ये रिश्ते

अनजाने

न जाने

न पहचाने

हर कोई

इन रिश्तों को

निभा नहीं रहा 

है वह तो 

केवल

ढो रहा है


हैं तो ये रिश्ते

बंधनों में

बंधे हुए पर

ये बंधन ही 

कच्चे धागों का है

जब चाहा तोड़ दिया

और जब चाहा

जोड़ दिया

इन्हें एक गांठ से


अपने स्वार्थों की

पूर्ति के लिए हम

इन रिश्तों का

पालन करते हैं

मतलब निकल जाने

पर

रिश्तों को ताक में

रखते हैं



Rate this content
Log in