STORYMIRROR

Arpan Kumar

Others

3  

Arpan Kumar

Others

'रात में उदासी'

'रात में उदासी'

1 min
14.3K


उदासी 

मेरी प्रेमिका है

और अनिद्रा

मेरी सहेली 

 

घर में सभी सो रहे हैं

और मैं जाग रहा हूँ

 

रात के बारह कब के बीत चुके

मगर मेरे चेहरे पर बजा बारह

जस का तस रुका पड़ा है 

मानो उसने समय के साथ 

चलने से  इनकार कर दिया हो 

सोचता हूँ 

कब होता है ऐसा 

जब घड़ी की टिक टिक हार जाती है 

क्यों होता है ऐसा 

कि एक चेहरे को अपनी ताज़गी की

परवाह नहीं रह जाती

बाज़ार के सभी बाज़ारू नुस्खों को

एक ज़िद्दी चेहरा हरा देता है

वे मेरे चेहरे से घबरा जाते हैं

उन्हें मेरी अनिद्रा से ऐतराज है

उन्हें मेरी उदासी से खतरा है

वे मुझे समझाते हैं

लंबी उम्र के लिऐ हँसना ज़रूरी है

मुझे उनकी सलाह से

धमकी की बारूदी गंध आती है 

आगे कहते हैं

ख़ुश रहना भी ज़रूरी है 

मुझे 'ख़ुश दिखना' सुनाई पड़ता है

 

ओह!

मैं रात में उदास नहीं हो सकता

बाज़ार की नींद उड़ जाती है

....

 


Rate this content
Log in