राम
राम
जिनकी मर्जी के बिना पत्ता भी न हिल सके
संदेह उनकी उपस्थिति पर किया
हैं जो कण-कण में बसे,
बाकी सब मिथ्या है,राम परम सत्य है
राम ही तो सत्य थे और राम ही तो सत्य है,
जीवन के आधार है राम यदि इसे तुम समझ गये
जीवन तुम्हारा धन्य है और धन्य तुम भी हो गये।
राम से ही जुड़ा हुआ है मार्ग जन कल्याण का
राम बिन संभव नहीं है कल्पना ब्रह्मांड का,
राम से ही सुलझा हुआ इस धरा का रहस्य है
राम ही तो सत्य थे और राम ही तो सत्य है,
प्राणियों के प्राण है राम यदि इसे तुम समझ गये
जीवन तुम्हारा धन्य है और धन्य तुम भी हो गये।
है प्रतीक वो धर्म का कर्म का मर्यादा का
राम तो है प्रेरणा दुनिया भर के समाज का,
तन से मन से धन से मैं राम की सेवा करूं
मुझमें इतना साहस नहीं कि राम की परिभाषा दूं,
दो अक्षर का नाम नहीं राम तो महाकाव्य है
राम ही तो सत्य थे और राम ही तो सत्य है,
जीवन के आधार है राम यदि इसे तुम समझ गये
जीवन तुम्हारा धन्य है और धन्य तुम भी हो गये।
