राम हैं एक
राम हैं एक
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रास्ते अलग पर मंजिल एक
सुनो भाई यहां राम है एक।
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई
आपस में सब भाई एक।।
क्यों सब उलझे भाई भाई
मन पे अपने काबू टेक
झगड़े झंझट बूरी फसादें
खोल तू दिल की आंखें देख।।
यहां नहीं कोई छोटा बड़ा
सांई मालिक के सुत हरेक
दुनियां की नजरों में प्यारों
सूरज चांद सा बन जा नेक।।
क्या लेकर आया था तू
क्या लेकर के जाएगा
लेकर कंधों पर एक दिन तुझे
राम नाम बोलेंगे हरेक।।
