राखी रेशम डोर
राखी रेशम डोर


मेहंदी भीनी जब महकी
सावन भी पुरजोर झरा।
तीज त्यौहार संग समेटे
ख़ुशियों से है माह भरा।
मेंहदी....झरा।
राखी रेशम डोर बनाती
नेह भरा है यह नाता।
हर धागे में आस प्यार की
खुश होवे मेरा भ्राता।
बाबुल भेज दियो भैया को
रहे हमेशा प्यार हरा।
मेंहदी.....झरा।
सावन का जब झूला डोले
सखियाँ गीत सुनाती हैं।
चुहल भरी पीहर की यादें
हरपल बहुत सताती हैं।
रंग-बिरंगी राखी रचती
गाती मंगल गीत जरा।
मेंहदी.....झरा।
राखी का त्यौहार समेटे
प्यार भरा अद्भुत नाता।
बहन स्नेह की बारिश है
वो बने धूप में छाता।
उजियारा जीवन का भाई
देख ठिठकता तिमिर डरा।
मेंहदी.... झरा।