राही सत्य के
राही सत्य के
सत्य की विजय
सत्य की विजय सदा
असत्य की हार हो,
न भय रहे तनिक सा भी
साहस हृदय के द्वार हो
सत्य की विजय सदा
असत्य की हार हो।
जीवन में नित ही आयेंगी
चुनौतियाँ चुनौतियाँ
संघर्ष में न होती हैं
कटौतियां कटौतियां,
मंजिल समीप आती है
प्रयास में जो धार हो
सत्य की विजय सदा
असत्य की हार हो।
कट गया है शीश पर
ये शीश है झुका नहीं
राही उसी का नाम है
जो राह में रुका नहीं,
एक दिन प्रकाश होता है
कितना भी अंधकार हो
सत्य की विजय सदा
असत्य की हार हो।
सच्चाई साथ में रहे
कैसा भी अपना अंत हो
मानव वही है जिसमें
दया भावना ज्वलंत हो,
बुराई हो समाप्त जब
अच्छाई का पसार हो
सत्य की विजय सदा
असत्य की हार हो।
श्री राम या श्री कृष्ण हो
दोनों ने ही हैं दुःख सहे
स्वीकार कर परिस्थिति
आगे वो बढ़ते रहे,
था लक्ष्य उनका एक ही
पापियों का बस संहार हो
सत्य की विजय सदा
असत्य की हार हो।
तेरा ये भविष्य है
तेरे ही तो हाथ में
त्याग व्यर्थ सोचना
अपने कर्म रख तू साथ में,
जो आज है वो कल न हो
समय की ये पुकार हो
सत्य की विजय सदा
असत्य की हार हो।