राह
राह
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अनचाहा आकार दिया इस जीवन ने
दिया फिर सब ले लिया इस जीवन ने
तिनके तिनके को हम प्यासे
रुके नहीं हम शिथिल हुए इस जीवन से
फिर भी विफल नहीं हुए इस जीवन से
कहने को क्या कहते हो प्राणी
कुछ तो समझो बात हमारी
हम है तो है हर राह हमारी
कभी तो समझो ये बात हमारी।।
