राह
राह
1 min
124
अनचाहा आकार दिया इस जीवन ने
दिया फिर सब ले लिया इस जीवन ने
तिनके तिनके को हम प्यासे
रुके नहीं हम शिथिल हुए इस जीवन से
फिर भी विफल नहीं हुए इस जीवन से
कहने को क्या कहते हो प्राणी
कुछ तो समझो बात हमारी
हम है तो है हर राह हमारी
कभी तो समझो ये बात हमारी।।