प्यार का दर्द
प्यार का दर्द
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दो नयन की शरारत
मंजूरी दो दिल की है
इसे ज्यादा हम क्या कहें?
सपनो के नगर से
भूल गई, रात गई बात गई,
सपने पल में खुशी देते हैं
तो पल में गम देते है,इसे ज्यादा हम क्या कहें?
वादा दिया बडा लेकिन
जान जान कहकर मुंह मुखरने वाले की न कोइ
कमी है आप क्या जाने बेवफाई का दर्द,
किसी की यादों में तडपा हो उसके अलावा
कौन जाने ये बेचेन मन की आदत....
ए दिल इसे ज्यादा क्या बताए आशियाना...।