STORYMIRROR

पतझड़ की पीली पाती

पतझड़ की पीली पाती

1 min
12K


पतझड़ की पीली पाती

अपने रोदन गीत गाती

आस कितनी नयनों को

जीवन संसार बहारों की

दुख के बादल,

और मधुप फुहारों की

नयन अश्रु गिरने पर

वापस कहां जाते

मरू की शिथिल भूमि में

मोती से चमकते

टूटी टहनी

अब साथ कहां दे पाती

पतझड़ की पीली पाती


Rate this content
Log in