परम-मित्रता
परम-मित्रता
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हम एक साथ नहीं
पर साथ-साथ हैं
हम पास-पास नहीं
पर आस-पास हैं
हम लड़ते भी हैं,
झगड़ते भी हैं
फिर भी फासले दरमियाँ नहीं
हम हंसते हैं
हम खेलते हैं
हम रोते हैं
हम खोते हैं
फिर भी मगर
कहाँ सहते हैं
हम एक-दूसरे के
हृदय में बसेेरा करते हैं
तभी तो
पूर्णतः परममित्र
कहलाते हैं॥