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Swati Tyagi

Others

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Swati Tyagi

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प्रकृति

प्रकृति

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सबसे खूबसूरत हूँ मैं, कहर भी हूँ

हर मर्ज़ की दवा हूँ मैं, ज़हर भी हूँ


तुममें भी बसती हूँ मैं

हर चीज़ में रामती हूँ मैं

सुबह की ओस हूँ

सर्दी की धूप भी हूँ

गर्मी से राहत देने वाली बौछार हूँ मैं

सब तबाह कर देने वाली नाराज़ लहर भी हूँ


वो खूबसूरत पहाड़ हूँ मैं

मौत बनके गिरने वाला पत्थर भी हूँ

पेड़ की छाँव हूँ मैं

जंगल की आग भी हूँ

चाँद हूँ मैं

चाँद का दाग़ भी हूँ


बने चाहे बिगड़े, मैं हर आकृति हूँ

मुझसे मत टकराना, मैं प्रकृति हूँ


साहित्याला गुण द्या
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