Roli Abhilasha
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धरती की प्रत्यंचा पर
आकाश भृकुटी दिखाता है
तभी तो होता है प्रलय का आगाज
काश कि गगन मुस्कुराता रहे
और उसे देख धरती होती रहे मगन.
विनाश लीला हर वीभत्सता तो पार कर जाती है
पर इससे हमें बचाने
नहीं आता प्रकृति का कोई रोबोट.
तुम्हारे साथ ...
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